Araku Coffee: क्यों खास है आंध्र प्रदेश की ‘अराकू कॉफी’? जिसका PM मोदी ने ‘मन की बात’ ने किया जिक्र

Araku Coffee: क्यों खास है आंध्र प्रदेश की ‘अराकू कॉफी’? जिसका PM मोदी ने ‘मन की बात’ ने किया जिक्र

Araku Coffee: तीसरी बार केंद्र में सत्ता में वापसी करने के बाद पीएम मोदी ने अपना मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’किया। इस दौरान उन्होंने ‘अराकू कॉफी’का जिक्र किया। अराकू कॉफी की डिमांड इतनी ज्यादा है कि इसकी सालाना पैदावार का करीब 90 प्रतिशत निर्यात हो जाता है।

ये भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के अराकू घाटी क्षेत्र में उगाई जाने वाली एक विशेष प्रकार की कॉफी है। यह क्षेत्र अपने जैविक और उच्च गुणवत्ता वाली कॉफी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ये बिना रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाई जाती है। यह इसे पूरी तरह से जैविक बनाता है।

आदिवासी करते उत्पादन

इस क्षेत्र की कॉफी मुख्य रूप से स्थानीय आदिवासी किसानों द्वारा उगाई जाती है, जो पीढ़ियों से इस खेती के साथ जुड़े हुए हैं। यह कॉफी उत्पादन उनके जीवनयापन का मुख्य स्रोत है। इसको काली मिर्च की खेती के बीच प्लांटेशन के तौर पर उगाया जाता है। इसकी पैदावार की शुरुआत के सबूत 1920 तक मिलते हैं। एक तरह का ये को-ऑपरेटिव बिजनेस मॉडल है। यही कारण है कि इसकी छंटाई, पकाई, बिनाई और भुनाई से लेकर इनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग तक, किसी में भी मिडिलमैन का दखल नहीं होता।

पेरिस में भी किया जा रहा पसंद

अराकू कॉफी के स्वाद में विशेषता होती है जो इसे दूसरी कॉफियों से अलग बनाती है। इसमें मध्यम तीखापन, चॉकलेट और नट्स के स्वाद की गहराई और बेहतरीन सुगंध होती है। इसकी सबसे ज्यादा मांग स्वीडन में है। इसकी डिमांड संयुक्त अरब अमीरात, इटली, स्विट्जरलैंड और अन्य देशों में भी तेजी से बढ़ रही है। ये ही नहीं पेरिस में भी इसको पसंद किया जा रहा है। हर साल भारत करीब 4 अरब रुपए का अराकू कॉफी का एक्सपोर्ट करता है।

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