HARYANA NEWS: जिले का सरकारी अस्पताल प्राइवेट अस्पतालों के लिए सिर्फ रेफर सेंटर बन रह गया: अनुराग ढांडा

HARYANA NEWS: जिले का सरकारी अस्पताल प्राइवेट अस्पतालों के लिए सिर्फ रेफर सेंटर बन रह गया: अनुराग ढांडा

चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रेसवार्ता कर शिक्षा घोटाले में सीबीआई की एफआईआर पर बीजेपी सरकार और तत्कालीन शिक्षा मंत्री को घेरा। उनके साथ प्रदेश संगठन मंत्री रविंद्र सिंह मटरू, जिला अध्यक्ष धनराज कुंडू और राकेश चांदवास मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की सुपारी ले रखी है।

अनुराग ढांडा ने कहा कि बीजेपी की सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। बीजेपी ने 2014से 2016तक दो साल में सरकारी स्कूलों में 4लाख बच्चों का फर्जी दाखिला दिखाकर करोड़ों का घोटाला करने का काम किया। इन बच्चों के नाम पर वजीफे, मिड डे मील और वर्दी के करोड़ों रुपए गबन कर लिए। बीजेपी के शीर्ष नेताओं और उस समय के शिक्षामंत्री की शह के बिना पूरे हरियाणा में इतना बड़ा फर्जी दाखिले का घोटाला संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि जब सीबीआई मानती है कि 4लाख दाखिले फर्जी हुए थे, इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था और इसमें बहुत सारे अधिकारी शामिल हैं। बच्चों की वर्दी, मिड डे मील और वजीफ का पैसा कागजों में दिखाकर भ्रष्टाचार में हड़प लिया गया तो ये कैसे संभव है कि पूरे हरियाणा में घोटाला हो और उसमें उस समय के शिक्षामंत्री रामविलास शर्मा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का हाथ न हो। इसलिए आम आदमी पार्टी का आरोप है कि उस समय के शिक्षामंत्री राम बिलास शर्मा को सीबीआई इस पूरे घोटाले में बचाने का प्रयास कर रही है।

तत्कालीन शिक्षामंत्री को बचाने का प्रयास कर रही- आप नेता

आप नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि 4लाख बच्चों के फर्जी दाखिले के मामले में जो घोटाला हुआ इसमें सीबीआई बीजेपी के नेताओं, तत्कालीन मुख्यमंत्री और तत्कालीन शिक्षामंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है। उनके मिलीभगत की जांच भी सीबीआई की एफआईआर के दायरे में आनी चाहिए और कोर्ट को भी इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए कि कैसे सरेआम नेताओं को बचाया जा रहा है।

सीबीआई पर अनुराग ढांडा ने लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही ये सीबीआई ने एफआईआर की है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल पहले 2019में कहा था कि सीबीआई तीन महीने में जांच करके रिपोर्ट फाइल करे। उस केस में ऐसे सबूत और आंकड़े मौजूद हैं कि सीबीआई को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी। लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करने में पांच साल लगा दिए। क्योंकि बीजेपी के बड़े नेताओं को बचाना था।

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